Friday, August 26, 2016

फिल्म समीक्षा: अ फ्लाइंग जट्ट


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बच्चों को लुभाएगा फ्लाइंग जट्ट
एबीसीडी और एबीसीडी-2 जैसी डांस आधारित फिल्में निर्देशित करने के बाद रेमो डिसुजा अपनी नयी फिल्म अ फ्लाइंग जट्ट लेकर आये हैं. भारत में सूपरहीरो वाली फिल्में बहुत कम ही दर्शकों को आकर्षित कर पाती है. हां रितिक रोशन इस मामले में अपवाद रहे हैं. सूपरहीरो वाली फिल्मों की सबसे बड़ी चुनौती खुद को हॉलीवूड फिल्मों के छाया से अलग रखना ह7ोता है. अ फ्लाइंग जट्ट भी कई जगहों पर स्पाइडरमैन और कई हॉलीवूड फिल्मों की नकल करती दिखती है. फिरभी तारीफ करनी होगी रेमो डिसूजा की जिन्होंने ऐसी फिल्मों के निर्माण का जोखिम लिया.
कहानी पंजाब के एक सुदूर इलाके में रहने वाले अमन(टाइगर श्रफ) की है. प्रदुषण से दूर हरे-भरे इस इलाके को उसके पिता ने अपने पुस्तैनी जमीन पर बसाया था. पिता की मौत के बाद उसकी मां बेबो (अमृता सिंह) ही अब इस पूरे इलाके की मालकिन है. वो वहां रहने वालों से कोई किराया नहीं लेती. अमन स्कूली बच्चों को मार्शल आर्ट्स सिखाने का क ाम करता है, पर पूरे इलाके में कोई उसे सीरियसली नहीं लेता. क ाम तो वो दूसरों को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग देता है पर खुद अंदर से एक डरपोक व दब्बू किस्म का इंसान है. इलाके के सीधे-साधे लोगों की जिंदगी में तब भुचाल आता है जब मशहूर बिजनेसमैन मल्होत्र (केके मेनन) उनकी जिंदगी में आता है. मल्होत्र अपने बिजनेस डेवलपमेंट के लिए गांव की जमीन किसी क ीमत पर खरीदना चाहता है, पर बेबो इसके लिए तैयार नहीं होती. तब मल्होत्र इस क ाम के लिए राका (नाथन जोंस ) को बुलाता है. इसी बीच कुछ घटित घटनाओं की वजह से अमन को अपने अंदर सूपर पावर का अहसास होता है. इन शक्तियों का उपयोग कर वो फ्लाइंग जट्ट के नाम से लोगों की भलाई करने लगता है. मल्होत्र के मकसद को पूरा करने के लिए राका इलाके में तबाही मचाने लगता है. तब अपने सूपर नेचुरल पावर की मदद से अमन उसका सामना करता है और राका व मल्होत्र का खात्मा करता है.
फिल्म के कुछ दृश्य तार्किक दृष्टि से हास्यास्पद व बनावटी फ ील देते हैं. पर बच्चों के नजरिये से ये मनोरंजन का फूल डोज देगी. फ्लाइंग जट्ट के किरदार में टाइगर श्रफ को बच्चे क ाफी पसंद करेंगे. एक्शन दृश्यों में उन्होंने खासी मेहनत की है. अमृता सिंह व केके मेनन का अभिनय भी सराहनीय है. राका के किरदार में नेथन जोंस ने जान फूंक दी है. गानों की संख्या व फिल्म की अनावश्यक लंबाई बीच-बीच में ऊब पैदा करती है.
क्यों देखें- सूपरहीरो वाली क ॉमिक्स की याद ताजा करना चाहते हों तो.
क्यों न देखें- हॉलीवूड के सूपरहीरोज व कृष से तुलना करेंगे तो निराशा होगी.

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