सुना
था किसी चीज को शिद्दत से चाहो
तो सारी क ायनात तुम्हें उससे
मिलाने में जुट जाती है..और
बात जब पैशन की हो,
तो
राह में कितनी ही मुश्किलें
आये या भले ही कुछ वक्त लग जाए
पर मेहनत आपको मंजिल के करीब
ले ही जाती है.
मंजिल
का तो पता नहीं,
पर
बचपन की ख्वाहिश(पैशन)
के
रास्ते एक छोटा कदम बढ़ चुका
है.
सिनेमा
से लगाव तो होश संभालने से
रहा,
पर
उसके करीब जाने की कोशिश में
कई बार गिरा,
गिर
के उठा पर सिनेमा से साथ न छूटा.
अपने
प्रोफेशनल जॉब के साथ-साथ
कुछ एक्सट्रा करने की कोशिश
ने इस डोर से हमेशा बांधे रखा.
डिजिटल
युग और शार्ट फिल्मों का दौर
आने से इच्छाएं फिर हिलोरें
मारने लगीं.
पर
संसाधनों का अभाव व मदद की कमी
आड़े आ गयी.
फिर
भी कोशिश की और पहली क ोशिश(शॉर्ट
फिल्म)
के
साथ आपके सामने हूं.
उम्मीद
है पसंद आएगी.
इस
सफर में और कुछ हो न हो,
एक
बात तो समझ आ ही गयी,
कि
सच में कोई आपको तब तक नहीं
हरा सकता जब तक आप खुद से हार
न मान लो..लीजेंड
किशोर दा के जन्मदिवस पर उन्हें
ट्रिब्यूट के रूप में आज तो
पोस्टर जारी कर रहा हूं,
फिल्म
07
अगस्त
को आपके सामने होगी.
उम्मीद
है आपके शेयर का सपोर्ट जरूर
मिलेगा..
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