Saturday, October 29, 2016

फिल्म समीक्षा

                    प्यार या दोस्ती..ऐ दिल है मुश्किल

रिश्तों की डोर बड़ी बारीक होती है, थोड़ी सी गलतफहमी और उम्र भर की टीस. फिल्म का नायक मैने प्यार किया के उस डॉयलॉग को जीने में विश्वास रखता है कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. नायिका की सोच में स्वछंदता है. पर वो अपने पूर्व प्रेमी के धोखे से आहत है. इस वजह से वो प्यार के बजाय दोस्ती को ज्यादा मजबूत और टिकाऊ मानती है. करन जाैहर अपनी पहली फिल्म से ही रिश्तों की बारीकियों के साथ खेलते आ रहे हैं. ऐ दिल है मुश्किल भी इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है. फिल्म के जरीये करन ने प्यार और दोस्ती के बीच की बारीक ड ोर पर खूबसूरती से करतब दिखाई है. कहानी में कुछ नयापन नहीं होने के बावजूद रणबीर और अनुष्का के उम्दा अभिनय, एश्वर्या के ग्लैमरस अवतार, फवाद, शाहरूख और आलिया की मौजूदगी व मस्ती भरे वन लाइनर्स की वजह से फिल्म देखने लायक बन पड़ी है.
अयान(रणबीर कपुर) लंदन में एमबीए कर रहा है पर उसका दिल संगीत में बसता है. ऐसे में उसकी मुलाकात एलीजा खान(अनुष्का शर्मा) से होती है. दोनों में जल्द ही गाढ़ी दोस्ती हो जाती है. वक्त के साथ एलीजा के दिल में तो इस दोस्ती की प्रगाड़ता बरकरार रहती है, पर अयान के मन में प्यार पनपता है. अचानक एलीजा की लाइफ में पूर्व प्रेमी अली(फवाद खान) का आना होता है. एलीजा प्यार में कमजोर पड़ जाती है और अली से शादी कर लेती है. उसे भूलने की कोशिश में अयान तलाकशुदा शबा(ऐश्वर्या राय) के सानिध्य में पहुंच जाता है. पर वहां भी उसे सुकून नहीं मिलता. वो बार-बार एलीजा के रास्ते आता है इस उम्मीद में कि कभी तो वो उसे प्यार करेगी. पर तमाम जतन के बाद भी एलीजा के दिल में अयान की दोस्ती का स्वरूप नहीं बदलता. क्लाइमैक्स में इमोशन का ओवरडोज देने के चक्कर में करन थोड़ा ड्रामेटिक जरूर हो गये हैं. पर रणबीर के संवेदनशील अभिनय ने इस कमजोरी को भी ढंक दिया. एलीजा के आजादख्याल किरदार में अनुष्का खिलकर उभरती हैं. हां ग्लैमर का तड़का लगाने परदे पर आयी ऐश्वर्या का ऐसे किरदार के लिए हां कहना समझ से परे लगता है.

यंग जेनरेशन के लाइफस्टाइल और रिश्तों के ताने बाने में बूनी ये फिल्म कई हिस्सों में आपको रॉकस्टार, ये जवानी है दीवानी और तमाशा की याद दिलाती है. फिल्म के गीत संगीत तो पहले ही चार्टबस्टर में अपनी जगह बना चुके हैं. तो अगर आप इस दीवाली हल्के-फुल्के मूड में फैमिली इंज्वायमेंट चाहते हैं तो ऐ दिल.. का सफर भी बूरा नहीं रहेगा.

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