पिछली फिल्म की क ामयाबी भूनाने की कोशिश है रॉक ऑन 2
सुजात
सौदागर के रॉक ऑन 2
की
कहानी वहीं से शुरू होती है
जहां 2008
में
अभिषेक कपुर की रॉक ऑन खत्म
हुई थी.
निर्देशक
के बदलने से फिल्म का मिजाज
भी बदल गया.
जाहिर
है कहानी गढ़ते वक्त रॉक ऑन
की क ामयाबी का अतिरिक्त दबाव
भी फिल्म की टीम पर रहा होगा.
इंडिविजुअली
देखें तो रॉक ऑन 2
आकर्षित
करती है,
पर
पिछली फिल्म से आगे कुछ नया
पाने की उम्मीद कर रहे दर्शकों
को निराशा हाथ लगेगी.
एक्टर्स
के सहज अभिनय,
संगीत
के नये प्रयोग और मेघालय के
नयनाभिराम लोकेशंस के बावजूद
काफी कुछ मिसिंग सा लगता है.
फिल्म
की कहानी को सुजात थोड़ी और
कसावट व बुनावट के साथ परोसते
तो प्रभाव उम्दा हो सकता था.
रॉब(ल्यूक
केनी)
की
मौत के बाद बैंड मैजिक बिखर
सा जाता है.
जॉय(अजरून
रामपाल)
जहां
अपनी पब चलाने के साथ एक म्यूजिकल
रियल्टी शो होस्ट करने लगता
है वहीं आदि (फरहान
अख्तर)
इन
सब से दूर मेघालय के एक छोटे
से गांव में अपनी नयी दुनिया
बसा लेता है.
कुछ
दर्द भरी यादों से पीछा छुड़ाने
के लिए वो किसानी के साथ-साथ
स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर
अपना वक्त गुजारता है.
बस
केडी (पूरब
कोहली)
ही
एक ऐसा शख्स है जो बैंड से दूर
होने के बावजूद संगीत से दूर
नहीं हो पाता.
वो
बार-बार
दोनों को बैंड फिर से शुरू
करने के लिए उकसाता है.
इसी
बीच उनके पास दो नये लोग अपनी
म्यूजिक लेकर आते हैं.
उदय
(शशांक
अरोड़ा)और
जिया (श्रद्धा
कपुर).
उदय
सरोद में निपूण है तो मशहुर
संगीतकार विभुति(कुमुद
मिश्र)
की
बेटी जिया को जिंगल बनाने में
महारथ है.
दोनों
जॉय के पास लाइव परफॉर्म का
एक मौका मांगने आते हैं.
जॉय
उन्हें एक मौका देता है पर पब
में परफार्म के वक्त जिया शो
छोड़कर भाग जाती है.
वजह
जानने की कोशिश में सबका सामना
एक ऐसे कड़वे सच से होता है
जिससे आदि वर्षो से पीछा छुड़ाने
की कोशिश कर रहा था.
रॉक
ऑन 2
अभिनय
के लिहाज से भी औसत से आगे नहीं
जा पाती.
अजरून
रामपाल और पूरब कोहली ने किरदार
की जरूरत के हिसाब से सहज लगे
हैं.
सिंगिंग
और अभिनय के बीच सामंजस्य
साधने की कोशिश में श्रद्धा
दोनों मोचरे पर पटरी से उतर
जाती हैं.
बेहतर
होता वो अभिनय में ही खुद को
साधने की कोशिश करती.
हां,
फरहान
जरूर किरदार में समाये नजर
आते हैं.
एकाध
गाने को छोड़ दें तो गीत-संगीत
भी साधारण स्तर के बन पड़ें
हैं.
क्यों
देखें-
फरहान
और श्रद्धा के जबरा फैन हों
तो फिल्म का रूख कर सकते हैं.
क्यों
न देखें-
रॉक
ऑन की तरह उम्दा कहानी की चाहत
हो तो.
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