Sunday, October 29, 2017

बातचीत:फेमिना मिस इंडिया सेकेंड रनरअप प्रियंका कुमारी

प्रतिभा के मामले में बिहार की धरती हमेशा से उर्वरक रही है.

समय-समय पर यहां से उभरती प्रतिभाएं कामयाबी के जरिये इसका प्रमाण भी देती रहीं हैं. पिछले दिनों फेमिना मिस इंडिया की सेकेंड रनरअप रही प्रियंका कुमारी बिहार की एक ऐसी ही प्रतिभा का नाम है. नासिक से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद लाइफ में कुछ बड़ा करने की चाहत ने उन्हें फेमिना मिस इंडिया ब्यूटी क ांटेस्ट के प्लेटफार्म तक पहुंचा दिया. जहां अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर सेकेंड रनर अप का खिताब जीत बिहार को गौरवान्वित किया. खिताब जीतने के बाद बातचीत में प्रियंका ने अपने इस सफर के साथ कई बातों को साझा किया.
-सबसे पहले तो आपको इस खिताब की बधाई. अपने बैकग्राउंड के बारे में कुछ बताएं?
-जी, मेरे पापा एयरफोर्स में हैं. हर तीन-चार सालों में उनकी पोस्टिंग अलग-अलग जगहों पर होती रहती है. इस वजह से मेरी स्कूलिंग भी कई जगहों पर हुई. स्कूलिंग के बाद नासिक के के.के. वाग क ॉलेज से मैंने मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद मैंने इंजीनियरिंग में जॉब भी किया.
- इंजीनियरिंग के अच्छे-खासे स्टेबल जॉब को छोड़ ऐसे इनसिक्योर फ ील्ड में आने की क्या वजह रही?
- मॉडलिंग और ब्यूटी क ान्टेस्ट के फील्ड में आने का ख्याल काफी पहले से मन में था. पर जॉब की वजह से कुछ कर नहीं पा रही थी. रोजाना दस से छह की नौकरी में एक जैसा काम करके ऊब भी होने लगी थी. मैं खुद को कम्फर्ट जोन में रखकर जिंदगी नहीं जीना चाहती थी. सो एक दिन फ ाइनली डिसाइड करके रिजाइन दे दिया और इस कॉन्टेस्ट की तैयारी में लग गयी.
- जॉब से रिजाइन करने की बात पर फैमिलीवालों का कैसा रिएक्शन रहा?
- शुरुआत में तो काफी वरी थे. उन्हें इस बात की चिंता थी कि इस फील्ड से हमारी फैमिली का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था. कोई गाइड करने वाला नहीं था तो पता नहीं उनकी बेटी कैसे इस फील्ड में अपना मुकाम बनाएगी. अनिश्चितता की चिंता की वजह से शुरू में उन्होंने रोकने की कोशिश की. पर मेरा हौसला देखकर फ ाइनली हर स्तर पर अपना सपोर्ट दिया और पुणो में ही रितिका रामत्री इंस्टीट्यूट में इस कान्टेस्ट की तैयारी के लिए एडमिशन करा दिया.
- पहली बार इस फील्ड में आने के ख्याल से चयन तक की प्रक्रिया कैसी रही?
- इच्छा तो काफी पहले से थी, पर इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी. बाद में एक बार जब मैं इंटरनेट पर सर्फिं ग के दौरान मैं मिस इंडिया क ॉन्टेस्ट्स के कुछ वीडियोज देख रही थी. इसी क्रम में जब मैं फेमिना के वेबसाइट पर गयी तो वहां इस क ांटेस्ट के लिए अप्लीकेशन की ओपनिंग दिखी. मैंने भी अप्लाई कर दिया. जब मुङो ऑडिशन के लिए कॉल आये तब तक मैंने किसी तरह की तैयारी नहीं की थी. पर ऑडिशन के बाद जब लास्ट आवर में मेरा सेलेक्शन हुआ उस वक्त मैं इतनी खूश थी कि खुद को सातवें आसमान पर पा रही थी. वो एक्सपीरियंस मेरे लिए इतना अच्छा रहा कि तभी डिसाइड कर लिया कि चाहे मुङो कितनी भी मेहनत करनी पड़े, अब मुङो अपना फ्यूचर इसी फील्ड में बनाना है. फिर मैंने तैयारी के लिए रितिका से क ॉन्टेक्ट किया.
- क्या वजह रही कि आप क ॉन्टेस्ट का विनर बनने से चूक गयी?
- इसकी कोई स्पेसिफिक वजह तो नहीं रही, पर मैं इसे दूसरे तरीके से देखती हूं. वहां आयी हर लड़की अपने स्टेट की बेस्ट ही थी. हरेक ने काफी मेहनत के बाद मिस इंडिया के उस स्टेज को हासिल किया था. जहां तक उस खिताब की बात थी वो बस इस बात पर डिपेंड था कि वो दिन किसका है. मैंने अपना पूरा एफर्ट दिया पर शायद वो दिन मेरा नहीं था.
- बिहार से जुड़ी कुछ खास यादें?
- बचपन की कई यादें हैं पर बिहार का बोधगया मेरी यादों में हमेशा रहेगा. मैं काफी मेडिटेशन करती हूं. पहली बार जब मुङो वहां जाने का मौका मिला तब मैं काफी खूश थी. बोधगया की शांति और वहां का अनुभव आज भी मुङो रोमांचित करता है. आगे भी जब भी बिहार आऊंगी वहां जरूर जाऊंगी.
- मॉडलिंग और ब्यूटी क ान्टेस्ट का आखिरी पड़ाव सिनेमा का परदा ही होता है. आपकी क्या योजना है?
- अभी तो इस खिताब की खूशी इन्जॉय कर रही हूं. पब्लिक फिगर बनने के अहसास का मजा ले रही हूं. पर हां मन में तो रहता ही है. ऐसा कोई ऑफर आया तो जरूर अभिनय के क्षेत्र में आना चाहूंगी.

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